सिगरेट बुझ गई
मै मलेरिया डिपार्टमेंट मे सुपरबजर भर्ती हुआ सोचा चलो गाव गाव घूम
ले गे अपने स्वाभ के अनुसार मोज-मस्ती करे गे !
एक गाव मे स्प्रे करवाने मे चार पाँच दिन लग ही जाते थे !हर घर
में जाना होता था !
अपने स्वाभ के अनुसार एक गाव मे एक खूबसूरत सहेली बना ली !
तो मै उसकी राह देखू ,वो पानी भरने के बहाने घडा ले कर उसे भरने आ
गई !उसने घडा भरा और मुझसे बोली घडा सिर पे रखवा दो !मै उस के
सिर घडा रखवाने लगा वो बोली आप की सिगरेट बुझ गई !मैंने अपनी
सिगरेट की तरफ देखा !उस के ऊपर जलता हुआ गुल नही था !मैंने उस
की गोरी कलाई पे देखा !उस पे जलता हुआ गुल रगड़ खाये हुये था !
राजीव अर्पण फिरोजपुर शहर
पंजाब भारत