Monday, 29 July 2013

स्वय जीवनी

                  स्वय जीवनी 
बहुत से लोगो की आदत होती है जो उनको मित्र तथा दूसरे सबंधी मिलते है !
उन से कोई ना कोई काम निकलवाना चाहते है और वो निकलवा भी लेते है !
        ऐसे ही मेरे कुछ मित्र जिनसे मै मिलता था उन मे से बहुत मित्रो ने मुझ 
से कहा आप लेखक हो हमारी स्वय जीवनी लिख दो बहुत बडिया तथा दिलचस्प है 
        प्रेम पत्र तो मैंने बहुत से दोस्तों के और उनके भी दोस्तों के लिखे थे तो अब 
स्वय जीवनी लिखने की बात थी मैंने कहा ठीक है लिख दूगा !आप अपने जीवन 
जीवन बारे विस्तार से मुझे बताये तभी मै आप की स्वय जीवनी लिख पाउगा !
तो कोई मित्र अपने कुते बारे विस्तार से बताने लगा !कोई अपनी बहन या दूसरे 
सबंधियो बारे बताने लगा !
         मैंने कहा यह तुम्हारी जीवनी तो ना हुई !बहुत से मित्रो की बाते मैंने सुनी
उन की जीवनी लिखने के लिये मगर किसी ने भी अपने जीवन के बारे ठीक से 
नही बताया जो लिखने योग्य होता !
         कुछ एक ने बहुत सोच कर कुछ कुछ बताया मगर वो एक आधे पेज मे 
लिखा जा सकता था 
                   राजीव अर्पण फिरोजपुर शहर 
                  पंजाब भारत 
 

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