शोआध का विषय
नई -नई खोजे हो रही है !मनुष्य के प्रत्येक अंग पे ,उन अंगो में विकार
या शरीर में आ जाने वाली बीमारियो से निजात पाने के लिये अनेक
ओषदिया विकसित हो रही है !उन सभी अविशारको को मेरा शत-शत
प्रणाम !
इन में से बहुत ज्यादा ओषदिया हमारे खून में मिलकर किसी भी रोग
को खत्म करने की प्रतिरोध क्षमता इतनी बढ़ा देती है कि वह रोग
समाप्त हो जाता है !विस्तार से इस बारे अगर मै लिखू तो बहुत ज्यादा
हो जाये गा !
मै लिखता हूँ बस थोड़ा सा प्रतिशोधक क्षमता बारे जो हमारे शरीर
सदा मजूद होती है कभी -कभी यह क्षमता स्वय से इतनी बड़ जाती है
कि रोग स्वय से समाप्त हो जाता है !
वैसे प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने या जागृत करने की अनेको -अनेक
विधियों से किसी की मै चर्चा नही करू गा हर विधि पर लाखो पुस्तके
लिखी जा चुकी है !
मै तो बस इतना कहना चाहता हूँ बर्षो से लगा रोग स्वय से प्रतिरोधक
क्षमता जाग जाने से एकाएक समाप्त हो जाता है !
मै ऐसे अनेक व्यक्तियों को जनता हूँ जो अपने रोग का बहुत विधियों
से बहुत सी जगहों से बहुत सालो तक उपचार करनवाने के बाद इस लिये
थक -हार कर बैठ गये क्यों की वह रोग कही से ठीक नही हुआ !
फिर अचानक से एकाएक उन का रोग स्वय से समाप्त हो गया
आखिर क्यों और कैसे यह हुआ है तो यह शोयध का विषय !
राजीव अर्पण फिरोज़पुर शहर पंजाब
भारत