Wednesday, 30 July 2014

आँखों से निकले आँसू

                       आँखों से निकले आँसू 
आँखों से निकले आँसू प्यार ,जज्बात और भावनायों के होते है !यह अक्सर किसी की 
याद मे बह ही जाते है !किसी से  रुसवाई या किसी की रुसवाई में आँखे नम कर ही 
जाते है !किसी की विदाई में यह रोके नही रुकते !किसी को मिलने  की बेबसी में 
हम रो ही तो सकते है अपनी भूलो के पश्तावे में ,अपनी नाकामियो और ना पूरी 
हुई ख्वाशो हम अक्सर रोते है यह प्यार /जज्बात और भावनायों के प्रतीक है 
एक माँ रोती है एक भाई रोता है बाप रोता है बेटा ,बेटिया रोती है सभी सबंन्धी वा 
दुनियाँ को रोते मैंने देखा है !
                        इन के सामने काम की दो-चार बूंदो का बियान करना बड़ा ओछा 
लगता है 
        सीधा ब्लॉग में लिखा 
             राजीव अर्पण फिरोजपुर शहर 
               पंजाब भारत 

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